राष्ट्रगान विवाद – क्या है मुद्दा और क्यों चल रहा है?
हर साल 24 जनवरी को स्कूल‑कॉलेज में हमारा राष्ट्रगान बजता है। लेकिन हाल ही में कुछ लोग पूछ रहे हैं, "क्या हमें इस गीत को बदलना चाहिए?" इस सवाल ने पूरे देश में बहस छेड़ दी। बात सिर्फ संगीत की नहीं, बल्कि इतिहास, अधिकार और पहचान की है।
विवाद के मुख्य कारण
पहला कारण है गीत का मूल स्रोत। "जन्मभूमि" के शब्द कई बार बदल दिए गए, जिससे कुछ लोगों को लगता है कि मूल भावनाएँ धुंधली हो गईं। दूसरा कारण है कानूनी पहलू – सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में यह आदेश दिया था कि राष्ट्रगान के शब्द किसी भी हालत में बदले नहीं जा सकते। फिर भी, कई राजनेता और कलाकार इसे संशोधित करने की माँग कर रहे हैं, यह कहकर कि "सभी को शामिल करने वाला शब्द होना चाहिए".
तीसरा कारण सामाजिक है। कुछ समूह इस बात से नाराज़ हैं कि राष्ट्रगान में उर्दू के शब्द हैं, जबकि वे चाहते हैं कि पूरी तरह से हिंदी या अंग्रेज़ी हो। यह भाषा‑संबंधी मतभेद अक्सर राष्ट्रीय एकता की बात को उलझा देता है।
आगे का रास्ता – क्या बदलाव संभव है?
अगर संविधान के अनुच्छेद 51‑a के तहत राष्ट्रीय प्रतीक बदलना चाहें, तो संसद को एक नया बिल पास करना पड़ेगा और फिर राष्ट्रपति की स्वीकृति चाहिए। इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता है और जनता की सहमति भी जरूरी है। दूसरी ओर, कई स्कूलों ने विकल्प के तौर पर गीत के कुछ भाग को वैकल्पिक रूप में पेश किया है, ताकि छात्रों को असुविधा न हो।
अभी बहुत से लोग सोशल मीडिया पर अपना विचार रख रहे हैं। कुछ कह रहे हैं, "हमारा राष्ट्रगान इतिहास का हिस्सा है, बदलाव नहीं चाहिए"; तो कुछ कहते हैं, "मुक्ति और समानता के लिए हमें बदलाव चाहिए". इस तरह की आवाज़ें सरकार को संगठित करने का काम कर रही हैं।
यदि आप इस विवाद को समझना चाहते हैं, तो सबसे पहले यह जानें कि राष्ट्रगान का लिखना कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने किया था और इसकी संगीत रचना संगीतकार रवीन्द्र ब्लेयर ने दी थी। इन दोनों की सोच को समझना मददगार रहेगा, क्योंकि उनका नज़रिया उस समय के सामाजिक माहौल को दर्शाता है।
भविष्य में अगर कोई संशोधन होता है, तो वह शायद छोटे‑छोटे बदलावों के रूप में आएगा – जैसे कुछ शब्दों को हटाना या बदलना, पूरी तरह से नया गीत नहीं। इस तरह का कदम जनता को ज्यादा स्वीकार्य हो सकता है।
इस विवाद में सबसे बड़ी बात है – लोकतंत्र में हर आवाज़ को सुनना। चाहे आप बदलाव चाहते हों या मौजूदा स्थिति से संतुष्ट हों, अपनी राय को शांति‑पूर्वक व्यक्त करना ही सच्ची नागरिकता है।
अंत में, यह याद रखें कि राष्ट्रगान सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि देश की आत्मा की एक झलक है। इसे समझना, इस बात को लेकर चर्चा करना और सही जानकारी के साथ फैसला लेना ही सबसे बेहतर तरीका है।
एशिया कप 2025: दुबई में राष्ट्रगान की जगह 'Jalebi Baby' बजा, भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया
- अभिजात द्विवेदी
- सित॰ 15 2025
- 0 टिप्पणि
दुबई में भारत-पाकिस्तान मैच से पहले स्टेडियम DJ ने पाकिस्तान के राष्ट्रगान की जगह 'Jalebi Baby' बजा दिया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। मैच में पाकिस्तान 127 पर आलआउट हुआ और भारत ने 15.5 ओवर में 7 विकेट से जीत दर्ज की। कप्तान सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे नाबाद रहे, जबकि कुलदीप यादव को लगातार दूसरी बार प्लेयर ऑफ द मैच मिला।
और देखें