1 लीटर पेट्रोल पर ढाई से तीन रुपए का प्रॉफिट होता है। इस हिसाब से एक दिन में 4 से 5 हजार लीटर पेट्रोल बेचा जाए तो एक दिन की कमाई 15 हजार रुपए तक होगी। इसी तरह 1 लीटर डीजल पर दो से ढाई रुपए का प्रॉफिट होता है। रोजाना 4 से 5 हजार लीटर पेट्रोल-डीजल बेचने पर हर महीने 10 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है।कोई भी व्यक्ति पेट्रोल पंप की डीलरशिप ले सकता है। इसकी एक तय प्रक्रिया है, जिसे पूरा करना होता है। आज हम इसी के बारे में आपको बता रहे हैं। फेडरेशन ऑफ मप्र पेट्रोल-डीलर एसोसिएशन वॉइस प्रेसीडेंट ने बताया कि पेट्रोल पंप की डीलरशिप लेने की प्रॉसेस अब ऑनलाइन हो चुकी है। तेल कंपनियां अपनी जरूरत के हिसाब से पेट्रोल पंप खोलती हैं। जिस भी एरिया में कंपनी को पेट्रोल पंप खोलना होता है, वहां का विज्ञापन अखबार में जारी किया जाता है। इसमें सभी नियम, शर्तों का उल्लेख होता है। इन नियमों को पूरा करने वाला कोई भी व्यक्ति संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर डीलरशिप के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकता है। इसके बाद कंपनी के अधिकारी निरीक्षण करते हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय पेट्रोल पंप खोलने पर पाबंदी लगा सकता है। मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद ही कंपनियां विज्ञापन जारी कर सकती हैं। पेट्रोल पंप खोलने के लिए सबसे पहली जरूरत जमीन की होती है। स्टेट या नेशनल हाइवे पर कम से कम 1200 से 1600 वर्गमीटर जमीन होना चाहिए। वहीं शहरी क्षेत्र में पेट्रोल पंप खोल रहे हैं तो कम से कम 800 वर्गमीटर जगह होना जरूरी है। यदि खुद के नाम पर जमीन नहीं है तो लीज पर भी जमीन ली जा सकती है। इसके कागजात कंपनी को दिखाना होंगे। परिवार के किसी सदस्य के नाम पर भी जमीन है, तब भी पेट्रोल पंप की डीलरशिप के लिए अप्लाई किया जा सकता है।एग्रीकल्चर लेंड है तो उसका कन्वर्जन करवाना होता है। प्रॉपर्टी के नक्शे सहित जमीन से जुड़े सभी कागजात, एनओसी कंपनी अधिकारी निरीक्षण के दौरान देखते हैं। पेट्रोल पंप की डीलरशिप वही व्यक्ति ले सकता है, जिसकी उम्र 21 से 60 साल के बीच हो। संबंधित व्यक्ति का कम से कम 10वीं पास होना भी जरूरी है। पेट्रोल पंप खोलने के लिए संबंधित तेल कंपनी को सिक्युरिटी मनी देना होती है। यह राशि 25 लाख रुपए होती है। इसके बाद दूसरे खर्चे होते हैं। जैसे पेट्रोल पंप तक कच्ची सड़क का निर्माण, बाउंड्रीवॉल, एनओसी का खर्चा, नापतौल, खाद्य विभाग का लाइसेंस भी लेना होता है। बिजली, पानी के इंतजाम के साथ ही केबिन का निर्माण करवाना होता है। इसमें 1 करोड़ रुपए तक का इन्वेस्टमेंट हो सकता है। इंडिया में अभी तीन सरकारी और दो प्राइवेट कंपनियां काम कर रही हैं। इसके अलावा कुछ कंपनियां भी हैं, जिनका काम अभी शुरू हो रहा है। देशभर में करीब 50 हजार पेट्रोल पंप हैं।
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