श्रीलंका ने पाकिस्तान को 6 रन से हराकर ट्राई सीरीज फाइनल में जगह बनाई

घर/श्रीलंका ने पाकिस्तान को 6 रन से हराकर ट्राई सीरीज फाइनल में जगह बनाई

जब मोहम्मद वासिम आखिरी गेंद पर 7 रन की जरूरत के साथ क्रीज पर उतरे, तो पाकिस्तान के लिए जीत की आशा एक गेंद में टूट गई। टी20आई ट्राई सीरीज 2025 के छठे मैच में, पाकिस्तान में आयोजित इस रोमांचक टकराव में श्रीलंका ने पाकिस्तान को 6 रन से हराकर फाइनल में जगह बना ली। ये मैच 27 नवंबर, 2025 को खेला गया, और आखिरी ओवर के अंत तक किसी को नहीं पता था कि कौन जीतेगा। श्रीलंका ने 129/3 का स्कोर बनाया, जिसमें कमिल मिश्रा ने 39 गेंदों में अपराजित 60 रन बनाए। पाकिस्तान के लिए, सलमान अली अघा की कप्तानी में टीम ने 123/6 बनाकर आखिरी गेंद तक लड़ाई लड़ी।

आखिरी ओवर का रोमांच: 10 रन की चुनौती

पाकिस्तान को 10 रन की जरूरत थी आखिरी ओवर के लिए। जब चौथी गेंद पर 4 रन बने, तो दो गेंदों पर 2 रन चाहिए थे। पांचवीं गेंद पर वासिम ने एक लॉन्ग ऑन की ओर लगातार गेंद को लगाया — बाउंड्री नहीं, सिर्फ एक रन। छठी गेंद पर वासिम ने जोर से शॉट मारा, लेकिन बॉल फिल्डर के हाथों में लग गई। आखिरी गेंद पर 7 रन की जरूरत थी। वो नहीं हुआ। श्रीलंका के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को गले लगा लिया। दर्शकों के चेहरे पर आश्चर्य था। एक ओवर में ये बदलाव — जो किसी ने सोचा भी नहीं था।

कैसे बदला श्रीलंका का रास्ता?

श्रीलंका की शुरुआत बहुत खराब रही। पहले दो मैचों में उन्होंने जिम्बाब्वे और पाकिस्तान के खिलाफ बिना लड़े हार मान ली। जिम्बाब्वे के खिलाफ 95 रन पर सब आउट हो गए थे — एक ऐसा स्कोर जिसे देखकर कोई सोच सकता था कि ये टूर्नामेंट से बाहर हो चुका है। लेकिन तीसरे मैच में उन्होंने जिम्बाब्वे को 9 विकेट से हराया। उस जीत ने उन्हें बचाया। अब ये मैच था उनका अंतिम अवसर। अगर वे हारते, तो जिम्बाब्वे फाइनल में आ जाता। नेट रन रेट के हिसाब से जिम्बाब्वे की टीम आगे निकलने की बात कही जा रही थी। लेकिन श्रीलंका ने अपनी टीम को बदल दिया। बल्लेबाजी में कमिल मिश्रा का आगे आना, गेंदबाजी में नवाज और अशरफ का दबाव — सब कुछ बदल गया।

पाकिस्तान की टीम: जीत तो थी, लेकिन फाइनल नहीं था

पाकिस्तान के लिए ये मैच फाइनल के लिए नहीं, बल्कि अपने आप को बेहतर बनाने के लिए था। उन्होंने पहले ही फाइनल की जगह पक्की कर ली थी। लेकिन उनकी टीम बहुत अच्छी थी। बाबर आजम ने पिछले मैच में 52 गेंदों में 74 रन बनाए। फखर जमान ने नंबर 7 पर बल्लेबाजी करके 10 गेंदों में 27 रन बनाए — एक ऐसा रोल जो उन्होंने टी20आई में पहली बार अपनाया। उसमान तारिक ने जिम्बाब्वे के खिलाफ हैट्रिक लगाकर अपनी जगह बना ली। लेकिन आखिरी ओवर में जब गेंदबाजी का बोझ मोहम्मद नवाज और नसीम शाह पर आया, तो श्रीलंका के बल्लेबाजों ने उनके गेंदों को बड़े शॉट्स से नहीं, बल्कि टाइमिंग और रन रेट के साथ काबू कर लिया।

फाइनल का रिमैच: दोबारा श्रीलंका बनाम पाकिस्तान

ये फाइनल एक रिमैच होगा। पहले ही मैच में पाकिस्तान ने श्रीलंका को 7 विकेट से हराया था। तब श्रीलंका की बल्लेबाजी बर्बर थी। अब वो टीम नहीं रही। उनके बल्लेबाजों ने अपनी आत्मविश्वास वापस पाया है। और अब वो फाइनल में जाने के लिए बहुत ज्यादा लड़ चुके हैं। श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका ने अपने टीम के लिए बहुत बड़ा काम किया है — वो अपने टीम के लिए आखिरी ओवर में भी बल्ला नहीं बल्कि दिमाग बन गए।

क्या अगला कदम?

अब फाइनल की तैयारी शुरू हो गई है। श्रीलंका को अपनी बल्लेबाजी की टिकाऊपन को बनाए रखना होगा। उनके लिए अब ये बात नहीं कि क्या आखिरी ओवर में जीत गए, बल्कि ये कि क्या वो फाइनल में भी वैसा ही दबाव बना पाएंगे। पाकिस्तान के लिए ये अवसर है कि वो अपने आप को साबित करें — कि वो टीम जो फाइनल में आई है, वो उस टीम से अलग है जिसे श्रीलंका ने हराया।

क्यों ये मैच यादगार है?

इस मैच में एक ओवर ने पूरे टूर्नामेंट का रास्ता बदल दिया। श्रीलंका ने अपने आप को बचाया। पाकिस्तान ने अपने आप को बर्बाद कर दिया — लेकिन बिना अपनी टीम के बिना। ये वो मैच था जिसमें एक गेंद ने दो टीमों की किस्मत बदल दी। और ये वो टी20 था जिसमें आखिरी गेंद पर दो टीमों के लोगों के दिल एक साथ धड़के।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

श्रीलंका कैसे फाइनल में पहुंचा जबकि उसका नेट रन रेट खराब था?

श्रीलंका का नेट रन रेट जिम्बाब्वे से खराब था, लेकिन इस मैच की जीत ने उन्हें फाइनल में सीधे प्रवेश दिला दिया। टूर्नामेंट नियम के अनुसार, अगर श्रीलंका जीतता, तो वो फाइनल में जाता — चाहे नेट रन रेट कितना भी कम क्यों न हो। इसलिए ये मैच एक फिल्टर नहीं, बल्कि एक दरवाजा था।

कमिल मिश्रा का इस मैच में क्या योगदान था?

कमिल मिश्रा ने 39 गेंदों में 60 रन बनाकर श्रीलंका के लिए टॉप स्कोरर का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने तेज गेंदबाजी के खिलाफ बड़े शॉट्स लगाए और आखिरी ओवर तक टीम को नियंत्रित रखा। उनके बल्ले ने टीम को वह स्कोर दिया जिससे आखिरी ओवर में 10 रन की चुनौती बन सकी।

पाकिस्तान के लिए ये हार कितनी बड़ी चूक है?

पाकिस्तान के लिए ये हार एक रणनीतिक चूक थी। उन्होंने आखिरी ओवर में गेंदबाजी के लिए अनुभवी खिलाड़ियों को नहीं चुना। नसीम शाह और मोहम्मद नवाज दोनों अच्छे गेंदबाज थे, लेकिन दबाव के समय उन्हें बाहर रखा गया। आखिरी गेंद पर वासिम को बल्ला देने का फैसला भी सवालों का विषय बन गया।

फाइनल में क्या अपेक्षाएं हैं?

फाइनल में श्रीलंका अपनी बल्लेबाजी की टिकाऊपन दिखाएगा, जबकि पाकिस्तान अपनी गेंदबाजी की शक्ति से दबाव बनाने की कोशिश करेगा। श्रीलंका के लिए ये अवसर है कि वो अपने आप को दुनिया के सामने साबित करें। पाकिस्तान के लिए ये अवसर है कि वो अपने घरेलू दर्शकों के सामने बड़ा जीत दर्ज करें।