शादी करनी है तो फरवरी में बजवा ले शहनाई, क्योंकि इस साल है सिर्फ इतने मुहूर्त

वाराणसी। खरमास समाप्ति के बाद शुभकार्य तो आरंभ हो गए लेकिन विवाह की तिथियां फरवरी माह से ही मिलेंगी। शुक्र के अस्त होने के कारण जनवरी माह में कोई भी विवाह का मूहूर्त नहीं प्राप्त हो रहा है। दूसरी तरफ सर्दियों में अगर विवाह की योजना बना रहे हैं तो इसमें भी निराशा मिलेगी। इस साल विवाह के सर्वाधिक मूहूर्त गर्मी और बरसात के पहले ही पड़ रहे हैं। साल के पहले छह महीने में जून तक विवाह के 40 मूहूर्त हैं वहीं, दूसरी तरफ जुलाई से दिसंबर तक केवल नौ महूर्त ही मिल रहे हैं। जाड़े में सिर्फ तीन ही विवाह मुहूर्त हैं। वह भी खरमास लगने से एक दिन पहले। इस बार अक्तूबर व नवम्बर में लगन नहीं है।

पिछले साल 37 मूहूर्त की तुलना में इस साल विवाह के मूहूर्त ज्यादा हैं। श्री काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री ज्योतिषाचार्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि अगस्त से नवंबर तक एक भी वैवाहिक लगन नहीं है। फरवरी, अप्रैल और जून में सर्वाधिक लगन पड़ रहे हैं। मई में विवाह के छह मुहूर्त पड़ेंगे। दिसंबर में एकमात्र लगन 10,15 और 16 तारीख को है।
फरवरी में सबसे अधिक 11 लग्न मिल रही हैं। इसके बाद मार्च की छह लगन 2, 3, 5,7,8 और 12 तारीख को पड़ेगी। अप्रैल में लगन की शुरुआत 18 तारीख से होगी। इस महीने 18 और 19 तारीख की लगन रोहिणी नक्षत्र में पड़ेगी जबकि 19 तारीख की लगन में भद्रा का भी योग है और 20 तारीख को मृगशिरा में विवाह के मुहूर्त हैं। इसके बाद 30 अप्रैल तक पांच लगन हैं। 26 की लगन उत्तराफाल्गुन नक्षत्र, 27 और 28 को हस्त नक्षत्र में है। 29 और 30 तारीख की लगन स्वाति नक्षत्र में पड़ेगी लेकिन 29 की लगन में सिंदूरदान भद्रा के बाद होगा।


मई के कुल छह विवाह मुहूर्तों में 1 और 2 मई की लगन अनुराधा नक्षत्र में है। जून में लगन की नौ तारीखें मिल रही हैं। शुरुआत 18 तारीख से होगी और 30 तारीख तक रहेगी। 21 जून के मुहूर्त में उत्तराफाल्गुन और हस्त दोनों ही नक्षत्र होंगे। 23 को स्वाति नक्षत्र है लेकिन 23 को भद्रा से पूर्व सिंदूरदान किया जाएगा। 27 और 28 के विवाह मुहूर्त मूल नक्षत्र तथा 30 के मुहूर्त उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होंगे।
पं. मालवीय ने बताया कि शादी में मुहूर्त देखते समय वर का सूर्यबल, कन्या का गुरु बल एवं दोनों के चंद्र बल का विचार आवश्यक है। इस मिलान के कारण पंचांग में प्राप्त बहुत से मुहूर्त स्वत: ही कट जाते हैं। नए वर्ष में उत्तम विवाह मुहूर्त के लिए बहुत मारामारी है।


पं. देवेंद्र पांडेय के अनुसार बच्चों के मुंडन संस्कार के लिए वर्ष 2018 में मात्र 12 मुहूर्त ही मिलेंगे। ये सभी मुहूर्त फरवरी से जून माह के बीच हैं। मुंडन के सर्वाधिक चार मुहूर्त फरवरी की 10, 17, 20 और 25 तारीख को हैं। मार्च में चार, छह और 13 तारीख, अप्रैल में 20 और 27 तारीख, मई में सिर्फ 10 तारीख और जून में 22 और 25 तारीख को मुंडन का शुभमुहूर्त मिलेगा।


इस वर्ष नामकरण का मुहूर्त जनवरी को छोड़ शेष सभी महीनों में है। इस वर्ष नामकरण के कुल 74 मुहूर्त मिलेंगे। सर्वाधिक 11 मुहूर्त सितंबर में हैं। जुलाई में नौ तथा अप्रैल व दिसंबर में आठ-आठ मुहूर्त हैं। जून में सात, फरवरी, मई और अक्तूबर में पांच-पांच तथा मार्च और नवंबर महीने में दो-दो मुहूर्त हैं।
गृह प्रवेश के लिए इस वर्ष पहले छह महीनों में कुल 12 मुहूर्त ही मिलेंगे। जनवरी का एकमात्र मुहूर्त 23 तारीख को पड़ेगा। सर्वाधिक चार मुहूर्त फरवरी में एक, दो, छह और 18 तारीख को मिलेंगे। मार्च और अप्रैल महीने में भी एक-एक मुहूर्त ही हैं जो छह मार्च और 27 अप्रैल को हैं। मई की 11 और 12 तारीख तथा जून की 20, 22 और 25 तारीख को गृहप्रवेश के मुहूर्त हैं।

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