इसमें कोई दोराय नहीं कि देश भर में यौन हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है. जी हां केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि आज कल तो छोटी छोटी मासूम बच्चियां भी इसका शिकार हो रही है. ऐसे में इन सबके लिए जितना जिम्मेदार कानून है, उतनी ही गलती लोगो की बुरी मानसिकता की भी है. वैसे आप सब को निर्भया काण्ड तो जरूर याद होगा. जी हां वही हादसा जिसे सुन कर हर किसी की रूह कांप जाती है. मगर यहाँ अफ़सोस की बात तो ये है कि जिन दरिंदो ने ये सब किया, उन्हें अपनी गलती का जरा भी एहसास नहीं है. बरहलाल आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इसी सिलसिले में एक लड़की रेप के इल्जाम में सजा काट रहे कई अपराधियों से मिली.
जी हां ये सुनने में अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन ये सच है. उस लड़की ने उन कैदियों से बात की और उसके बाद उसने जो पूरी दुनिया को बताया उसके बारे में जान कर हर कोई हैरान रह गया. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जिस लड़की ने उन कैदियों का इंटरव्यू लिया, उसका नाम मधुमिता पांडे है. जिसकी उम्र छब्बीस वर्ष है. गौरतलब है कि मधुमिता ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में रेप के इल्जाम में सजा काट रहे करीब सौ कैदियों से सवाल जवाब किये. वैसे आपको जान कर ताज्जुब होगा कि जब अपने करियर की शुरुआत में मधुमिता ने कैदियों का इंटरव्यू लेना शुरू किया था, तब वो केवल बाइस वर्ष की थी. जी हां दरअसल पीएचडी थीसिस के लिए उसने कैदियों के इंटरव्यू लिए थे.
इसके इलावा जब दिल्ली में निर्भया काण्ड हुआ था, तब मधुमिता यूके में थी. जहाँ वो एक यूनिवर्सिटी में क्रिमिनोलॉजी पर स्टडी कर रही थी. ऐसे में जब मधुमिता को निर्भया कांड के बारे में पता चला तो इस हादसे ने उन्हें अंदर तक हिला दिया और इसके बाद उन्होंने बलात्कारियो की सोच को टटोलने का फैसला किया. दरअसल तब मधुमिता के दिमाग में यही बात चल रही थी कि जब ये कैदी दरिंदगी की सभी हदे पार करते हुए किसी लड़की का बलात्कार करते है, तो उनके मन और दिमाग में क्या चल रहा होता है. बस अपने इसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए मधुमिता ने उन कैदियों का इंटरव्यू लेने की सोची. आपको जान कर ताज्जुब होगा कि मधुमिता ने करीब एक हफ्ता तिहाड़ जेल में गुजारा.
हालांकि मधुमिता का कहना है कि इन कैदियों से मिलने से पहले उसने ये सोचा था कि ये लोग बहुत राक्षस किस्म के होंगे, लेकिन जब वो उनसे मिली तो उसे ऐसा लगा ही नहीं कि ये लोग ऐसे घिनौने काम को अंजाम दे सकते है. जी हां मधुमिता ने बताया कि इनका स्वभाव साधारण लोगो जैसा ही है, बस इनके पालन पोषण में थोड़ा फर्क है. यहाँ तक कि मधुमिता ने ये भी बताया कि इन कैदियों को इस बात का जरा भी अफ़सोस नहीं है कि इन्होने इतना घटिया काम किया है.
इसके साथ ही मधुमिता ने कहा कि हमारे देश में ऐसे कई स्कूल है जहाँ बच्चो को यौन शिक्षा के बारे में कुछ भी नहीं समझाया जाता है. वो इसलिए क्यूकि भारतीय माता पिता अपने बच्चो के साथ इस संबंध में बात करना पसंद नहीं करते. ऐसे में मधुमिता का कहना है कि इसी शिक्षा की कमी के कारण महिलाओ के साथ इतना बुरा सलूक होता है और लोग फिर भी महिला को दोष देते है. अब मधुमिता के इस इंटरव्यू के बाद एक बात तो साफ हो चुकी है, कि जहाँ यौन हिंसा को रोकने के लिए मजबूत कानून की जरूरत है, वही सामाजिक मानसिकता में कुछ बदलाव करने की भी जरूरत है.
इसलिए अगर हो सके तो हमें न केवल लड़कियों बल्कि हर बच्चे को यौन शिक्षा के बारे में समझाना चाहिए, ताकि फिर कभी किसी लड़की के साथ कुछ गलत न हो सके.
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