कोई अगर एक बार अमेरिका जाकर छोटी दुकान भी खोल ले तो वापस आने की नहीं सोचता, लेकिन मेरे मन में देश के लिए कुछ करने की ललक थी।इसलिए लौट आया हूं। यह कहना है डब्ल्यूडब्ल्यूई फेम द ग्रेट खली का। खली रणजीत एवेन्यू में कैन विंग्स कन्सल्टेंसी सेंटर के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उनका अमेरिका टैक्सास में घर है
और अपना खुद का अमेरिका में व्यवसाय भी है, लेकिन डब्ल्यूडब्ल्यूई व बिजनैस से कमाई सारी पूंजी को उन्होंने जालंधर में सीडब्ल्यूई अकादमी खोलने में लगा दी, इसका एक ही मकसद है, भारत में टैलेंट को खोजना।खली ने बताया कि उनके पास 250 के करीब खिलाड़ी हैं, लेकिन उनमें से मात्र दो ही अमृतसर के रहे। चोट के कारण दोनों ही कुछ समय से आ नहीं रहे। अधिकतर युवा लुधियाना से उनके पास पहुंचे हैं। पंजाब के बराबर ही रिस्पांस उन्हें हरियाणा से भी है। एक बराबर युवा ही हरियाणा से भी उनके पास हैं। युवाओं को मार्गदर्शन की जरूरत है। खुशी है कि दो सालों में दिनेश कुमार और कविता दलाल ने दो युवाओं को अंतरराष्ट्रीय रेस्लिंग के लिए खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि न राज्य और न ही केंद्रीय सरकार का ध्यान खेलों की तरफ है। दुर्भाग्य है कि भारतीय उल्टा सोचते हैं।नशा बढ़ा तो सरकार नशा छुड़ाओ केंद्र खोलने में जुट गई। अगर कई साल पहले ही खेलों को प्रमोट किया होता तो यह सब न होता। इतना ही नहीं सरकार को अभी भी हॉकी व कबड्डी की तरफ ध्यान देना चाहिए। रेस्लिंग को वह प्रमोट कर रहे हैं और बिना सरकार की सहायता के करते भी रहेंगे। अगर उन्होंने सरकार की तरफ देखा होता तो आज भी उनकी अकादमी सपना ही होती। प्रोफेशनल रेसलर कविता देवी बुधवार को ग्रेट खली की रेस्लिंग एकेडमी पहुंचीं। उन्होंने खली से अपने गुरु के रूप में आशीर्वाद प्राप्त किया। कविता शुक्रवार को नई दिल्ली से अमेरिका के लिए रवाना होंगी। डब्लयूडब्लयूई रिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेशी महिला पहलवानों से रेस्लिंग करेंगी। इससे पहले शनिवार को प्रोफेशनल रेसलर के रुप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से कविता देवी को फर्स्ट लेडी अवाॅर्ड से सम्मानित किया,क्योंकि वह डब्लयूडब्लयूई में जाने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर हैं। हरियाणा की रहने वाली कविता रेस्लिंग में हार्ड केडी के नाम से भी मशहूर हैं। डब्लयूडब्लयूई की तरफ से हार्ड केडी के साथ तीन साल का करार किया है। वह पिछले साल 13 जुलाई को भी वह डब्लयूडब्लयूई में गई थीं। यहां पर कोच व अन्य सदस्य उसकी फिटनेस व फाइट से प्रभावित हुए थे। कविता वेटलिफ्टिंग में नेशनल चैंपियन हैं। 2016 में कविता ने साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल किया था।
सविता ने बताया कि खली सीख वह निश्चित तौर पर विदेश में भारत का नाम रोशन करेंगी। कविता के पती गौरव कुमार एसएसबी में कांस्टेबल हैं और पांच साल का बेटा अभिजीत तोमर है।
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