भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का महत्वपूर्ण स्थान है। एक समय जब भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था और विदेशी शासक सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए भारतीय सीमा तक आ पहुंचा था, तब चाणक्य ने अपनी नीतियों से भारत की रक्षा की थी। चाणक्य ने अपने प्रयासों और अपनी नीतियों के बल पर एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाया जो आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुए और इस अखंड भारत का निर्माण किया।
आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी हैं। जो भी व्यक्ति उनके नीतियों का पालन करता है, उसे जीवन में सभी सुख-सुविधाएं और प्रत्येक कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।अक्सर आपने बड़े बुजुर्गों को ये कहते सुना होगा की किसी भी मनुष्य को शर्म करना अवश्य आना चाहिए अन्यथा वो मनुष्य जानवर के सामान माना जाता है लेकिन आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसी भी चीजे हैं जिनके लिए यदि मनुष्य शर्म करने लगेगा तो वो पूरी तरह से अपने जीवन में असफल हो जायेगा अअर्थात वो अपने जीवन में हमेशा खाली हाँथ ही रह जायेगा|
आज के सामी में भले ही हम कितने मॉडर्न क्यों ना हो गये हों लेकिन आज भी हमारे जीवन को एक सही दिशा देने के लिए आचार्य चाणक्य की नीतियाँ हमारे उतनी ही आवश्यक है जितनी पहले हुआ करती थी और जो भी मनुष्य उनकी नीतियों का पालन करता है वो बहुत ही फायदे में रहता है और अपने जीवन में कभी भी आफल नहीं होता है |आज हम आपको ऐसे ही कुछ कामों के विषय में बताने वाले हैं जो चाणक्य निति के अनुसार हमे करने में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए इसी में हमारा फायदा रहता है
धन संबंधी काम में न करें शर्म
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो भी व्यक्ति धन संबंधित किसी भी कार्यों में शर्म करता है, उसे हमेशा ही धन हानि का सामना करना पड़ता है।जैसे की यदि आप किसी व्यक्ति को पैसा उधार दिए है और शर्म के कारण उससे वो पैसा मांग नहीं पा रहे हैं तो यह निश्चित है कि आपको धन हानि होगी। अत: धन संबंधी कार्यों में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए
भोजन करने में न करें शर्म
भोजन करते समय हमे कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए क्योंकि यदि कोई व्यक्ति भोजन करने में शर्म करता है तो वह भूखा ही रह जाएगा। कभी-कभी कुछ लोग रिश्तेदारों के यहां या मित्रों के यहां भोजन करते समय शर्म करते हैं तो वे पेटभर खाना नहीं खा पाते हैं और भूखे ही रह जाते हैं। खाना खाने में कभी भी शर्म नहीं करना चाहिए।
गुरु से ज्ञान लेने में न करें शर्म
कहते है जो पूछता है वही जनता है इसीलिए एक अच्छा विद्यार्थी वही है जो बिना शर्म किए अपने गुरु से सभी जिज्ञासाओं का उत्तर प्राप्त करता है क्योंकि यदि आप एक बार पूछने में शर्म करेंगे तो जीवन भर के लिए वो प्रश्न आपके लिए प्रश्न बनकर ही रह जायेगा इसीलिए शिक्षा प्राप्त करने में जो विद्यार्थी शर्म करता है, वह अज्ञानी ही रह जाता है। विद्यार्थी को पढ़ाई करते समय शर्म न करते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर गुरु से प्राप्त कर लेना चाहिए। जिससे भविष्य में किसी विषय में अज्ञानी होने की स्थिति पैदा ही ना हो |
आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्रियों की ताकत उनका सौंदर्य, यौवन और उनकी मीठी वाणी होती है।शास्त्रों के अनुसार अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गौ, कुमारी कन्या, वृद्ध और बालक, इन सातों को हमारे पैर नहीं लगना चाहिए क्योंकि ये सभी सभी पूजनीय होते हैं और सदैव पवित्र पवित्र माने जाते हैं और ना ही कभी इन्हें पैर लगाकर इनका निरादर नहीं करना चाहिए। इसे आप पाप के भागीदार बनते हैं |
चाणक्य के अनुसार ये ये सात लोग यदि आपको सोये हुए मिलते हैं तो इहने तुरंत नींद से जगा देना चाहिए औत ये सात लोग है – द्वारपाल, नौकर, राहगीर, भूखा व्यक्ति, भंडारी, विद्यार्थी और डरे हुए व्यक्ति |
Leave a Reply