इस फोटो ने दुनियाभर में मचा दिया बवाल, जूम करके देंखे

हीदर विटेन एक कलाकार हैं. पेशे से फोटोग्राफर हैं. इंसानों के शरीरों की खूब तस्वीरें खींचती हैं. मॉडलिंग फोटोशूट की तरह नहीं. बल्कि जैसे वो नेचुरली हैं, वैसे ही. मोटे हैं तो मोटे ही सही. इनकी तस्वीरों की देखेंगे तो पाएंगे कि नग्नता में कितनी खूबसूरती है. इनकी तस्वीरों में शरीर हैं, बिना किसी बाहरी सजावट के. हीदर जुड़वा बच्चों की मां हैं. नवंबर 2014 में इनका बेटा बीमार पड़ गया था. ऐसा बुखार हुआ कि उतर ही नहीं रहा था. साथ में डायरिया. हीदर के पति अपने बेटे को लिए घंटों बाथरूम में शावर के नीचे बैठे रहे. इसलिए कि उसका बुखार उतरा रहे. हीदर का दिल उस नज़ारे को देखकर भर आया. और उसने इसे कैमरे में कैद कर फेसबुक पर चढ़ा दिया. लेकिन लोगों ने हीदर को एक बुरी औरत बताया. जो अपनी पति और बच्चे की नंगी तस्वीरें शेयर करती है. उसके पति को ‘पीडोफाइल’ यानी बच्चों में सेक्शुअल रूचि रखने वाला बोलकर उसका मजाक उड़ाया. लोगों ने तस्वीर को ‘रिपोर्ट’ किया, जिसके कारण फेसबुक ने बार-बार हीदर की ये तस्वीर डिलीट की. कई दिनों बाद हीदर ने इसका जवाब दिया. जिसे पढ़कर आपका परिवार, नग्नता, मातृत्व और कला, सबके पीछे का नजरिया बदल जाएगा. ये लिखा था हीदर ने:
“नवंबर 2014 की बात है. मेरा बेटा फॉक्स, अस्पताल में भर्ती होने वाला था. उसे एक ऐसी बीमारी हो गई थी जिसका कारण हम पता नहीं कर पा रहे थे.

थॉमस (मेरे पति) ने फॉक्स के साथ शावर के नीचे घंटो बिता दिए थे. इसलिए कि बेटे का बुखार उतरा रहे. जिससे उसके उल्टी और दस्त धुलते रहें.

हम दोनों के लिए माता-पिता के तौर पर ये एक बड़ा पल था. हमें अंदर ही अंदर लगने लगा था कि फॉक्स की ये बीमारी सिर्फ एक वायरस से कहीं ज्यादा बड़ी है. लेकिन हमने खुद को धीरज बंधाया हुआ था.

मैंने थॉमस और फॉक्स को साथ में शावर में बैठे हुए देखा. और उस दृश्य को देखकर मैं अंदर तक हिल गई. ये आदमी. जो पति है, पार्टनर है, पिता है. जिसमें धीरज है, जिसके अंदर प्रेम है. जो हमारे नन्हे से बच्चे को अपनी गोद में लिए बैठा है. वो फॉक्स के कानों में उसे भरोसा दिलाते हुए धीरे से कुछ बुदबुदाता. उससे कहता कि वो ठीक हो जाएगा. उसके ये शब्द बहुत सच्चे थे.

फॉक्स मेरे बहुत करीब रहा है, अपनी बहन से भी ज्यादा. और सुकून पाने के लिए वो अपने पिता की जगह हमेशा मेरी गोद में आ कर बैठता. लेकिन इस समय अगर उसे कोई संभाल सकता था, तो वो थॉमस था.

मैं बाहर गई और अपना कैमरा ले आई. मैंने उस दृश्य की कुछ तस्वीरें खींची. और उन्हें शेयर लिया. और इस बात को लेकर अचंभे में आ गई कि लोगों को तस्वीर में नंगेपन के अलावा कुछ दिखा ही नहीं. लोग बस इसी बात पर अटके रहे कि बाप-बेटे नंगे हैं. इस तस्वीर को लगा कर, एक रेखा थी, जिसे मैंने पार कर दिया था. तस्वीर बहुत पर्सनल थी. इसे पब्लिक में शेयर नहीं किया जाना चाहिए था.

लेकिन मैं इसका विरोध करती हूं.

मेरा परिवार आपके परिवार से अलग होगा. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि हम आपसे बुरे हैं. आप अपने परिवार को उस कदर कैमरे में कैद नहीं करते जिस तरह मैं करती हूं. आप उनकी तस्वीरें उस तरह शेयर नहीं करते जिस तरह मैं करती हूं. लेकिन इससे आपको ये अधिकार नहीं मिलता कि आप मेरा मुंह बंद करें. या फिर मेरी तस्वीरों पर सेंसर लगाएं.

इस तस्वीर के बारे में कुछ भी सेक्शुअल नहीं है. इसमें कोई प्रताड़ना नहीं दिखाई गई है.

काश मैं ये सब बेहतर तरीके से कह सकती. और इसे भड़ास निकालने वाले तरीके से न कहकर सुनदर तरीके से कहा जाता. लेकिन ये मेरे लिए जरूरी है. और में ये उम्मीद करती हूं कि एल दिन एक ऐसा जरिया मिलेगा जहां खुल कर अपनी कला का प्रदर्शन करने की छूट होगी. जहां मेरे जैसे परिवार मुक्त होंगे. जहां हमारा बिना किसी डर के स्वागत किया जाएगा.”

श्रोतः दि लल्लनटॉप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *